गुरुग्राम का शीतला माता मंदिर करीब चार सौ साल पुराना है

मान्यता है कि माता यहां साक्षात वास करती हैं भारत भूमि को चमत्कार और इतिहास की धरती माना जाता है,...

Created at: 04/06/2023, 4:05:56 PM
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मान्यता है कि माता यहां साक्षात वास करती हैं

भारत भूमि को चमत्कार और इतिहास की धरती माना जाता है, यहां ना जाने कितनी बार भक्त और भगवान के बीच आस्था और विश्वास का अनूठा संबंध देखने को मिला है। माता शीतला का एक ऐसा ही मंदिर हरियाणा के गुरुग्राम में स्थित है, माता का यह मंदिर करीब चार सौ साल पुराना है। यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि करीब ढ़ाई-तीन सौ साल पहले शीतला माता ने गुणगांव के सिंघा जाट नाम के व्यक्ति को सपने में दर्शन दिया था और यहां मंदिर  बनाने के लिए कहा था। मान्यता है कि माता यहां साक्षात वास करती हैं। इतना ही नहीं माता के इस मंदिर में दर्शन मात्र से चेचक, खसरा और नेत्र रोग जड़ से खत्म हो जाते हैं। विश्वभर में प्रसिद्ध माता शीतला के इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है। कहा जाता है कि यहीं आचार्य द्रोणाचार्य ने कौरवों और पांडवों को प्रशिक्षण दिया था। यहां सालभर भक्तों का तांता लगता है। स्कंद पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार ऋष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी ने शीतला माता को सृष्टि को आरोग्य रखने की जिम्मेदारी दी थी। मान्यता है कि विधिवत शीतला माता की पूजा अर्चना करने से खसरा, चेचक व नेत्र विकार से मुक्ति मिलती है। बता दें माता शीतला के इस मंदिर में हर साल शीतला अष्टमी के दिन भक्तों का तांता लगता है। हजारों की संख्या में भक्त दूर दराज के स्थान से माता के दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर के प्रांगड़ में कई साल पुराना एक बरगद का पेड़ है। मान्यता है कि यहां अपने मन्नत का धागा बांधने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। माता बच्चों की संरक्षिका है, यहां स्त्रियां संतान प्राप्ति के लिए शीतला माता की पूजा करती हैं।

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